हल्द्वानी में बिल्ली के काटने से मासूम की दर्दनाक मौत
हल्द्वानी से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां 7 साल के मासूम कृष्णा की बिल्ली के काटने के बाद मौत हो गई। सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे ने परिजनों के सामने दम तोड़ दिया। इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
जानकारी के मुताबिक, कृष्णा अपने परिवार के साथ रामपुर रोड क्षेत्र में रहता था। करीब दो महीने पहले वह अपनी मां के साथ दूध लेने जा रहा था, तभी एक बिल्ली ने उसे काट लिया। परिजनों ने उसे टिटनेस का इंजेक्शन तो लगवा दिया, लेकिन एंटी रेबीज का टीका नहीं लगवाया गया।
कुछ दिन पहले कृष्णा की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उसे बुखार हुआ और पानी से डर (हाइड्रोफोबिया) जैसे लक्षण दिखने लगे। परिजन उसे तुरंत सुशीला तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे बाल रोग इकाई में भर्ती किया गया। हालत में सुधार न होने पर परिवार ने बेहतर इलाज के लिए उसे ऋषिकेश एम्स ले जाने का फैसला किया, लेकिन रास्ते में उसकी तबीयत और बिगड़ गई। मजबूरी में उसे फिर से हल्द्वानी वापस लाया गया, जहां इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान कृष्णा ने दम तोड़ दिया।
चिकित्सकों के अनुसार, जानवर के काटने के 24 घंटे के भीतर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाना बेहद जरूरी होता है। रेबीज एक जानलेवा वायरस है, जिसका लक्षण दिखाई देने के बाद कोई इलाज संभव नहीं होता। संक्रमित जानवर के काटने पर इंसान के शरीर में वायरस फैल जाता है, जिससे बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पानी से डर और असामान्य व्यवहार जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर एंटी रेबीज का टीका लगवा लिया जाए, तो संक्रमण रोका जा सकता है। आमतौर पर तीन इंजेक्शन लगाए जाते हैं, लेकिन यदि काटने वाले जानवर की दस दिन के भीतर मृत्यु हो जाए, तो पांच इंजेक्शन लगाने की सलाह दी जाती है। इस दर्दनाक घटना ने सभी को समय पर सावधानी बरतने का गंभीर संदेश दिया है।
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