नैनीताल: हाईकोर्ट को गौलापार में नई स्थान निर्धारित करने का सरकारी फैसला



नैनीताल शहर की बढ़ती जनसंख्या और अव्यवस्थित विकास के कारण, सरकार ने इस मुद्दे का समाधान खोजने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से, नैनीताल शहर में बढ़ते दबाव और अनुकूल परिस्थितियों की कमी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने गौलापार क्षेत्र में एक नई जगह का चयन करने का निर्णय लिया है, जहां उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) का स्थानांतरण किया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि इस स्थान के लिए आवश्यक वन भूमि की मंजूरी प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।

गौलापार क्षेत्र में विभिन्न विकास गतिविधियों की भारी प्रतिस्थापना को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इसे व्यवस्थित तरीके से विकसित करने के लिए एक महायोजना तैयार करने का निर्णय लिया है। इस महायोजना के अंतर्गत, क्षेत्र के समुचित विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल ने यह तय किया है कि जब तक महायोजना पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस क्षेत्र को 'फ्रीज जोन' के रूप में घोषित किया जाएगा, ताकि यहाँ कोई अव्यवस्थित निर्माण या भूमि उपयोग न हो सके।

हाईकोर्ट के नए स्थान के आसपास की भूमि की खरीद-बिक्री पर सरकार ने रोक लगाने का निर्णय लिया है। इस रोक का उद्देश्य इस क्षेत्र में अनियोजित विकास को रोकना और विकास को एक संरचित रूप देना है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया है कि निर्माण के लिए मुख्यमंत्री महायोजना को एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकास कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से संपन्न हों।

यह रोक निम्नलिखित सीमाओं में लागू होगी:

  • पूरब में: ग्राम देवल मल्ला, ग्राम देवल तल्ला और कुंवरपुर तक की सीमा।
  • पश्चिम में: गौला नदी के तट तक।
  • उत्तर में: गौला नदी से सटे ग्राम नवरखेड़ा, ग्राम किशन नगरी और हल्द्वानी बाईपास मार्ग के तिराहे तक।
  • दक्षिण में: हल्द्वानी बाईपास मार्ग से नदी तट तक लंकेश्वर महादेव मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के तिराहे तक।

इस प्रकार, नैनीताल शहर में उच्च न्यायालय के नए स्थानांतरण की योजना न केवल न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की यह पहल क्षेत्र के नागरिकों के लिए बेहतर सुविधा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

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